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भारत रत्न सूची 2019-2020


1954✍ सी राज गोपालाचारी
                सर्वपल्ली राधाकृष्णन
                चंद्रशेखर वेंकटरमन

1955✍ भगबान दास
                एम विस्वसरैया
                जवाहर लाल नेहरू

1957✍ गोविन्द बल्लभ पंत

1958✍ धोन्दो केसब कर्वे

1961✍ विपिन चंद्र रॉय
               पुरुषोत्तम दास टंडन

1962✍ डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद
    
1963✍ जाकिर हुसैन
                पाण्डुरंग काने

1966✍ लाल बहादुर शास्त्री
                  
1971✍ इंदिरा गांधी

1975✍ वी वी गिरी

1976✍ के कामराज

1980✍ मदर टेरेसा

1983✍ विनोबा भावे

1987✍ खान अब्दुल गफ्फार खा 

1988✍ रामचंद्रन

1990✍ नेल्सन मंडेला
                डॉ भीमराव अंबेडकर

1991✍ बल्लभ भाई पटेल
               मोरार जी देसाई
               राजीव गांधी

1992✍ सत्यजीत रे
                अबुल कलाम आजाद
                जहाँगीर रतन टाटा

1997✍ अरुणा आसफ अली
                गुलजारी लाल नंदा
                Apj अब्दुलकलाम

1998✍ एम एस सुबुलक्ष्मी 
               सी सुब्रमण्यम
 
1999✍ जय प्रकाश नारायण
               अमर्त्य सेन
                रवि शंकर
                गोपीनाथ वोरदोलई

2001✍ विस्मिल्ला खान
               लता मंगेशकर

2008✍ भीमशेन जोशी

2014✍ सी एन आर  राव    
               सचिन तेंदुलकर

2015✍ मदन मोहन मालवीय
               अटल बिहारी वाजपेयी

2019 ✍ भूपेन हजारिका
                 प्रणव मुखर्जी
                 नानाजी देशमुख

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सनातन धर्म में अनेक देवताओं का उल्लेख है उन देवताओ को किसी नाम विशेष से जाना जाता है। देवताओं का यह नामकरण उनके कार्य और गुण-धर्म के आधार पर किया गया है। हम यहाँ कुछ प्रमुख देवताओं के विषय में जाकारी प्राप्त करेगें। ब्रह्मा 〰️〰️〰️ ब्रह्मा को जन्म देने वाला कहा गया है। विष्णु 〰️〰️ विष्णु को पालन करने वाला कहा गया है। महेश 〰️〰️〰️ महेश को संसार से ले जाने वाला कहा गया है। त्रिमूर्ति 〰️〰️〰️ भगवान ब्रह्मा-सरस्वती (सर्जन तथा ज्ञान), विष्णु-लक्ष्मी (पालन तथा साधन) और शिव-पार्वती (विसर्जन तथा शक्ति)। कार्य विभाजन अनुसार पत्नियां ही पतियों की शक्तियां हैं। इंद्र 〰️〰️ बारिश और विद्युत को संचालित करते हैं। प्रत्येक मन्वंतर में एक इंद्र हुए हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- यज्न, विपस्चित, शीबि, विधु, मनोजव, पुरंदर, बाली, अद्भुत, शांति, विश, रितुधाम, देवास्पति और सुचि। अग्नि 〰️〰️〰️ अग्नि का दर्जा इन्द्र से दूसरे स्थान पर है। देवताओं को दी जाने वाली सभी आहूतियां अग्नि के द्वारा ही देवताओं को प्राप्त होती हैं। बहुत सी ऐसी आत्माएं है जिनका शरीर अग्निरूप में है, प्रकाश रूप में नहीं।देबकी गुरु सूर्य 〰️〰️〰️ ...

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