एको धर्म: परम श्रेय: क्षमैका शान्तिरुक्तमा। विद्वैका परमा तृप्तिरहिंसैका सुखावहा ॥
केवल धर्म-मार्ग ही परम कल्याणकारी है, केवल क्षमा ही शांति का सर्वश्रेष्ट उपाय है, केवल ज्ञान ही परम संतोषकारी है तथा केवल अहिंसा ही सुख प्रदान करने वाली है
अहिंसा परमोधर्मः धर्म हिंसातथैव च:
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