Skip to main content

Posts

Showing posts from December, 2020

साधो को धौं कहँते आवा / जगजीवन

साधो को धौं कहँते आवा। खात पियत को डोलत बोलत, अंत न का पावा॥ पानी पवन संग इक मेला, नहिं विवेक कहँ पावा। केहिके मन को कहाँ बसत है, केइ यहु नाच नचावा॥ पय महँ घृत घृत महँ ज्यों बासा, न्यारा एक मिलावा। घृत मन वास पास मनि तेहिमाँ, करि सो जुक्ति बिलगावा॥

पावक सर्व अंग काठहिं माँ / जगजीवन

पावक सर्व अंग काठहिं माँ, मिलिकै करखि जगावा। ह्वैगै खाक तेज ताही तैं, फिर धौं कहाँ समावा॥ भान समान कूप जब छाया, दृष्टि सबहि माँ लावा। परि घन कर्म आनि अंतर महँ, जोति खैंचि ले आवा। अस है भेद अपार अंत नहिं, सतगुरु आनि बतावा। 'जगजीवन जस बूझि सूझि भै, तेहि तस भाखि जनावा॥

साधो रसनि रटनि मन सोई / जगजीवन

साधो रसनि रटनि मन सोई। लागत-लागत लागि गई जब, अंत न पावै कोई॥ कहत रकार मकारहिं माते, मिलि रहे ताहि समोई। मधुर-मधुर ऊँचे को धायो, तहाँ अवर रस होई॥ दुइ कै एक रूप करि बैठे, जोति झलमती होई। तेहि का नाम भयो सतगुरु का, लीह्यो नीर निकोई॥ पाइ मंत्र गुरु सुखी भये तब, अमर भये हहिं वोई। 'जगजीवन' दुइ करतें चरन गहि, सीस नाइ रहे सोई॥

बहु पद जोरि-जोरि करि गावहिं / जगजीवन

बहु पद जोरि-जोरि करि गावहिं। साधन कहा सो काटि-कपटिकै, अपन कहा गोहरावहिं॥ निंदा करहिं विवाद जहाँ-तहँ, वक्ता बडे कहावहिं। आपु अंध कछु चेतत नाहीं, औरन अर्थ बतावहिं॥ जो कोउ राम का भजन करत हैं, तेहिकाँ कहि भरमावहिं। माला मुद्रा भेष किये बहु, जग परबोधि पुजावहिं॥ जहँते आये सो सुधि नाहीं, झगरे जन्म गँवावहिं। 'जगजीवन' ते निंदक वादी, वास नर्क महँ पावहिं॥

यह नगरी महँ परिऊँ भुलाई / जगजीवन

यह नगरी महँ परिऊँ भुलाई। का तकसीर भई धौं मोहि तें, डारे मोर पिय सुधि बिसराई॥ अब तो चेत भयो मोहिं सजनी ढुँढत फिरहुँ मैं गइउँ हिराई। भसम लाय मैं भइऊँ जोगिनियाँ, अब उन बिनु मोहि कछु न सुहाई॥ पाँच पचीस की कानि मोहि है, तातें रहौं मैं लाज लजाई। सुरति सयानप अहै इहै मत, सब इक बसि करि मिलि रहु जाई॥ निरति रूप निरखि कै आवहु, हम तुम तहाँ रहहिं ठहराई। 'जगजीवन' सखि गगन मँदिर महँ, सत की सेज सूति सुख पाई॥

कुछ छंद / चंदबरदाई

१. 'चन्द' प्यारो मितु, कहो क्यों पाईऐ करहु सेवा तिंह नित, नहिं चितह भुलाईऐ गुनि जन कहत पुकार, भलो या जीवनो हो बिन प्रीतम केह काम, अमृत को पीवनो। २. अंतरि बाहरि 'चन्द' एक सा होईऐ मोती पाथर एक, ठउर नहिं पाईऐ हिये खोटु तन पहर, लिबास दिखाईऐ हो परगटु होइ निदान, अंत पछुताईऐ। ३. जब ते लागो नेहु, 'चन्द' बदनाम है आंसू नैन चुचात, आठु ही जाम है जगत माहिं जे बुधिवान सभ कहत है हो नेही सकले संग नाम ते रहत है। ४. सभ गुण जो प्रवीण, 'चन्द' गुनवंतु है बिन गुण सब अधीन, सु मूरखु जंतु है सभहु नरन मैं ताकु, होइ जो या समैं हो हुनरमन्द जो होइ, समो सुख सिउं रमैं। ५. 'चन्द' गरज़ बिन को संसार न देखीऐ बेगरज़ी अमोल रत्न चख पेखीऐ रंक राउ जो दीसत, है संसार मैं हो नाहिं गरज़ बिन कोऊ, कीयो विचार मैं। ६. 'चन्द' राग धुनि दूती प्रेमी की कहैं नेमी धुन सुन थकत, अचंभौ होइ रहै बजत प्रेम धुनि तार, अक्ल कउ लूट है हो श्रवण मध्य होइ पैठत, कबहू न छूट है। ७. 'चन्द' प्रेम की बात, न काहूं पै कहो अतलस खर पहराय, कउन खूबी चहों बुधिवान तिंह जान, भेद निज राखई हो देवै सीस उतारि, सिरर...

तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप / चंदबरदाई

तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप . प्रगटी किरनि धरि अग्नि कोप . चन्दन सुलेप कस्तूर चित्र . नभ कमल प्रगटी जनु किरन मित्र. जनु अग्निं नग छवि तन विसाल . रसना कि बैठी जनु भ्रमर व्याल . मर्दन कपूर छबि अंग हंति . सिर रची जानि बिभूति पंति . कज्जल सुरेष रच नेन संति . सूत उरग कमल जनु कोर पंति. चंदन सुचित्र रूचि भाल रेष. रजगन प्रकास तें अरुन भेष . रोचन लिलाट सुभ मुदित मोद . रवि बैठी अरुन जनु आनि गोद. धूसरस भूर बनि बार सीस. छबि बनी मुकुट जनु जटा ईस. धमकन्त धरनि इत लत घात. इक श्वास उड़त उपवनह पात. विश्शीय चरित ए चंद भट्ट . हर्षित हुलास मन में अघट्ट

प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव / चंदबरदाई

प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव ऊंकार सब्द जिन करि अछेव निरकार मध्य साकार कीन मनसा विलास सह फल फलीन बरन्यौ आदि-करता अलेख गुन सहित गुननि नह रूप रेख जिहि रचे सुरग भूसत पताल जम ब्रम्ह इन्द्र रिषी लोकपाल असि-लक्ख-चार रच जीव जंत बरनंत ते न लहों अंत करि सके न कोई अग्याहि भंग धरि हुकुम सिस दुख सहे अंग दिनमान देव रवि रजनि भोर उग्गई बनें प्रभु हुकुम जोर ससि सदा राति अग्या अधीन उग्गैएँ अकास होय कला हीन परिमान अप्प लंघै न कोई करै सोई क्रम प्रभु हुकुम जोई बरन्यौ वेड ब्रह्मा अछेह जल थलह पूरि रह्यौ देह-देह .

पद्मावती / चंदबरदाई

पूरब दिसि गढ गढनपति, समुद-सिषर अति द्रुग्ग। तहँ सु विजय सुर-राजपति, जादू कुलह अभग्ग॥ हसम हयग्गय देस अति, पति सायर म्रज्जाद। प्रबल भूप सेवहिं सकल, धुनि निसाँन बहु साद॥ धुनि निसाँन बहुसाद नाद सुर पंच बजत दिन। दस हजार हय-चढत हेम-नग जटित साज तिन॥ गज असंष गजपतिय मुहर सेना तिय सक्खह। इक नायक, कर धरि पिनाक, घर-भर रज रक्खह। दस पुत्र पुत्रिय इक्क सम, रथ सुरंग उम्मर-उमर। भंडार लछिय अगनित पदम, सो पद्मसेन कूँवर सुघर॥ पद्मसेन कूँवर सुघर ताघर नारि सुजान। तार उर इक पुत्री प्रकट, मनहुँ कला ससभान॥ मनहुँ कला ससभान कला सोलह सो बन्निय। बाल वैस, ससि ता समीप अम्रित रस पिन्निय॥ बिगसि कमल-सिग्र, भ्रमर, बेनु, खंजन, म्रिग लुट्टिय। हीर, कीर, अरु बिंब मोति, नष सिष अहि घुट्टिय॥ छप्पति गयंद हरि हंस गति, बिह बनाय संचै सँचिय पदमिनिय रूप पद्मावतिय, मनहुँ, काम-कामिनि रचिय॥ मनहुँ काम-कामिनि रचिय, रचिय रूप की रास। पसु पंछी मृग मोहिनी, सुर, नर, मुनियर पास॥ सामुद्रिक लच्छिन सकल, चौंसठि कला सुजान। जानि चतुर्दस अंग खट, रति बसंत परमान॥ सषियन संग खेलत फिरत, महलनि बग्ग निवास। कीर इक्क दिष्षिय नयन, तब मन भयौ हुलास॥ मन अति भयौ हु...

पृथ्वीराज रासो / चंदबरदाई

पृथ्वीराज रासो का एक अंश पद्मसेन कूँवर सुघर ताघर नारि सुजान। ता उर इक पुत्री प्रकट, मनहुँ कला ससभान॥ मनहुँ कला ससभान कला सोलह सो बन्निय। बाल वैस, ससि ता समीप अम्रित रस पिन्निय॥ बिगसि कमल-स्रिग, भ्रमर, बेनु, खंजन, म्रिग लुट्टिय। हीर, कीर, अरु बिंब मोति, नष सिष अहि घुट्टिय॥ छप्पति गयंद हरि हंस गति, बिह बनाय संचै सँचिय। पदमिनिय रूप पद्मावतिय, मनहुँ काम-कामिनि रचिय॥ मनहुँ काम-कामिनि रचिय, रचिय रूप की रास। पसु पंछी मृग मोहिनी, सुर नर, मुनियर पास॥ सामुद्रिक लच्छिन सकल, चौंसठि कला सुजान। जानि चतुर्दस अंग खट, रति बसंत परमान॥ सषियन संग खेलत फिरत, महलनि बग्ग निवास। कीर इक्क दिष्षिय नयन, तब मन भयो हुलास॥ मन अति भयौ हुलास, बिगसि जनु कोक किरन-रबि। अरुन अधर तिय सुघर, बिंबफल जानि कीर छबि॥ यह चाहत चष चकित, उह जु तक्किय झरंप्पि झर। चंचु चहुट्टिय लोभ, लियो तब गहित अप्प कर॥ हरषत अनंद मन मँह हुलस, लै जु महल भीतर गइय। पंजर अनूप नग मनि जटित, सो तिहि मँह रष्षत भइय॥ तिहि महल रष्षत भइय, गइय खेल सब भुल्ल। चित्त चहुँट्टयो कीर सों, राम पढ़ावत फुल्ल॥ कीर कुंवरि तन निरषि दिषि, नष सिष लौं यह रूप। करता करी बनाय कै, य...

हिन्दी हत्या

सरकारी कार्यालय में नौकरी मांगने पहुँचा तो अधिकारी ने पूछा- "क्या किया है" मैंने कहा- "एम.ए." वो बोला- "किस में" मैंने गर्व से कहा- "हिन्दी में" उसने नाक सिकोंड़ी "अच्छा… हिन्दी में एम.ए. हो बड़े बेशर्म हो अभी तक ज़िन्दा हो तुमसे तो वो स्कूल का लड़का ही अच्छा था जो ज़रा-सी हिन्दी बोलने के कारण इतना अपमानित हुआ कि उसने आत्म-हत्या कर ली अरे इस देश के बारे में कुछ सोचो नौकरी मांगने आए हो जाओ भैया! कहीं कुआँ या खाई खोजो" मैंने कहा- "हिन्दुस्तान में रहते हिन्दी का विरोध हिन्दी के प्रति इतना प्रतिशोध" वो बोला- "यह हिन्दुस्तान नहीं इंडिया है और हिन्दी सुहागिन भारत के माथे की उजड़ी हुई बिन्दिया है तुम्हारे ये हिन्दी के ठेकेदार हर वर्ष हिन्दी-दिवस तो मनाते हैं पर रोज़ होती हिन्दी हत्या को जल्दी भूल जाते हैं।"

रहस्य उद्धाटन

"पुरुष महिलाओं से होते हैं अधिक बातूनी" समाज शास्त्र के प्राध्यापक की यह टिप्पणी समाचार-पत्रों में पढ़कर महिलाओं के पुलकित हो गए मन और तुरन्त किया एक सभा का आयोजन जिसमें उन्होंने प्राध्यापक के रहस्य-उद्धाटन का रहस्य खोला और पूरे सात घंटे लगातार बोला

हिन्दी साहित्य

कवि जी ने अपना नाम हिन्दी-साहित्य में लाने के लिए अच्छा-सा उपाय खोज लिया लड़की का नाम 'हिन्दी' और लड़के का नाम 'साहित्य' रख दिया

भारत की घड़ी

एक आदमी ने धरती से किया प्रस्थान और यमराज के कक्ष में घड़ियाँ-ही-घड़ियाँ देखकर रह गया हैरान हर देश की अलग घड़ी थी कोई छोटी कोई बड़ी थी कोई दौड़ रही थी कोई बन्द कोई तेज़ थी, कोई मन्द उनकी अलग-अलग रफ़्तार देखकर आदमी चकराया कारण पूछा तो यमराज ने बताया हर घड़ी की उसी हिसाब से है रफ़्तार जिस हिसाब से हो रहा है उस देश में भ्रष्टाचार आदमी ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई लेकिन भारत की घड़ी कहीं भी नज़र नहीं आई आदमी मुस्कुराया यमराज के पास गया और उसके कान में फुसफुसाया -भारत वाले भ्रष्टाचार यहाँ भी ले आए सच-सच बताओ भारत की घड़ी न रखने के लिये कितने पैसे खाए यमराज बोले- बेटे, तेरे शक़ की सुईं तो बिना बात उछल रही है मेरे बैड रूम में जाकर देखो पंखे की जगह भारत की घड़ी चल रही है

ढूँढते रह जाओगे - अरुण जैमिनी

चीज़ों में कुछ चीज़ें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हे कभी ना देख पाओगे इक्कीसवीं सदी में ढूँढते रह जाओगे बच्चों में बचपन जवानी में यौवन शीशों में दर्पण जीवन में सावन गाँव में अखाड़ा शहर में सिंघाड़ा टेबल की जगह पहाड़ा और पायजामे में नाड़ा ढूँढते रह जाओगे चूड़ी भरी कलाई शादी में शहनाई आँखों में पानी दादी की कहानी प्यार के दो पल नल नल में जल तराजू में बट्टा और लड़कियों का दुपट्टा ढूँढते रह जाओगे गाता हुआ गाँव बरगद की छाँव किसान का हल मेहनत का फल चहकता हुआ पनघट लम्बा लम्बा घूँघट लज्जा से थरथराते होंठ और पहलवान का लंगोट ढूँढते रह जाओगे आपस में प्यार भरा पूरा परिवार नेता ईमानदार दो रुपये उधार सड़क किनारे प्याऊ संबेधन में चाचा ताऊ परोपकारी बंदे और अरथी को कंधे ढूँढते रह जाओगे

ताजमहल - अरुण जैमिनी

इंटरव्यू देने पहुंचा हरियाणे का एक युवा बेरोजगार एक पोस्ट के लिए आए थे अस्सी उम्मीदवार किसे रखना है, यह बात तय थी इसलिए चयनकर्ताओं के सवालों में न सुर, न ताल और न लय थी। एक चयनकर्ता ने हरियाणवी छोरे से पूछा- 'बताओ ताजमहल कहां है?' हरियाणवी छोरा बोला- 'जी…रोहतक में।' 'बहुत अच्छा… बहुत अच्छा… इतना भी नहीं जानता नौकरी क्या खाक करेगा?' हरियाणवी छोरा बोला, 'आगरे में बता दूं तो क्या रख लेगा?'

Good morning

जीवन संवाद: साथ-साथ

रिश्तों में कितनी ही निकटता क्यों न हो, लेकिन फिर भी निजता का ख्याल बहुत ही कोमल और जरूरी है. कोरोना ने हमारे बहुत सारे मिथक तोड़ दिए हैं. कोरोना ने हमें बता दिया है कि एक-दूसरे से बहुत अधिक निकटता के परिणाम कितने घातक हो सकते हैं. देशभर में जिस तरह से पारिवारिक अदालतों में घर के विवाद सामने आए हैं वह चौंकाने वाले तो हैं, लेकिन आश्चर्यचकित नहीं करते. बहुत-सी चीजों पर हम पर्दा डालते रहते हैं, लेकिन पर्दा डालते रहने से कुछ समय तक उससे नजर हटाई जा सकती है, लेकिन समस्या तो भीतर ही भीतर बढ़ती जाती है. हमारे परिवार और समाज में संवाद की कमी पर लंबे समय से ऐसे ही कुछ पर्दे डाले हुए थे. परिवार में आर्थिक विषयों, संकट को लेकर पुरुषों का रवैया, महिलाओं की आर्थिक विषयों से दूरी इनमें से प्रमुख है. जीवन संवाद को इस बारे में देशभर से संदेश प्राप्त हुए हैं. जहां, पढ़े-लिखे और जागरूक परिवारों में भी यह देखा गया कि पुरुष आर्थिक संकट से खराब तरीके से जूझ रहे हैं, लेकिन इसे अपने जीवनसाथी से साझा करने में उन्हें शर्म महसूस होती है! कोरोना के कारण लंबे समय तक घर में रहने से बहुत-सी बातचीत अनजाने में सार्वज...

कैसे कैसे तरीको से हैकर लगाते आपको चूना जानिये और सचेत रहे

एक बैंक खाता एक ग्राहक द्वारा बैंक द्वारा बनाए गए वित्तीय खाते है। एक बैंक खाता एक जमा खाता, एक क्रेडिट कार्ड खाता, एक चालू खाता या किसी अन्य प्रकार का खाता किसी वित्तीय संस्थान द्वारा पेश किया जा सकता है, और उस धन का प्रतिनिधित्व करता है जिसे ग्राहक ने वित्तीय संस्थान से सौंपा या उधार लिया है। एक तरफ जहां भारत सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही है, तो दूसरी तरफ लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। बीते कई वर्षों में ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामले तेजी बढ़े हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया था, जिसमें एक शख्स को 11 करोड़ रुपये का चूना लगा था। आज हम आपको अपनी इस खबर में 4 ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे, जो हैकर्स लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कैश बैक व डिस्काउंट ऑफर  हैकर्स इस तरीके के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों को निशाना बनाते हैं। हैकर्स ग्राहकों को कैशबैक या बंपर डिस्काउंट का लालच देते है, जिसके चलते वह सारी निजी जानकारी (डेबिट या क्रेडिट कार्ड) हैकर्स के साथ साझा कर देते हैं। इसके बाद हैकर्स उनके खाते से सारे पैसे उड़ा लेते हैं। पब्लिक प्लेस...

भोजन और पांच तत्व

आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी तत्व से शरीर बना है़। यह ब्रमांड भी यह 5 तत्वों से बना है। आपको यह तत्व के क्रमांक से खाना है। शरीर को धीरे धीरे आहार के रूपमे वजन देना है। 1️⃣ आकाश तत्व - यह सूक्ष्म तत्व है़। यह खाया नहीं जाता।  - जब तक पेट कुछ खाली नहीं रखा जाए  यह प्राप्त नहीं होता। - उपवास से भी आकाश तत्व प्राप्त होता है़।  2️⃣ वायु तत्व  - वायु तत्व पतियों में होता है़।  - तुलसी तथा बेल की पत्तियां शरीर को शुद्व करती हैं।  - पुदीना, धनिया, सहजन पान, एलोवेरा, पालक, गेंहूके ज्वारे, सीसम पान, करीपत्ता से ग्रीन ज्युस बनाकर पिये। 3️⃣ अग्नि तत्व - अग्नि तत्व में सूर्य की धूप का सेवन भी आवश्यक है। - फ्रूट्स (फल) में अग्नि तत्व ज्यादा होता है़।  - फल धूप में रहते हैं।  - जब फल खाते हैं तो अग्नि तत्व हमारे शरीर में ज्यादा जाता है़।  - रसदार फलों में शरीर को शुद्व करने की शक्ति होती है़।  4️⃣ जल तत्व  - जल तत्व में सिर्फ सब्जियां आती हैं।  - ऐसी सब्जियां जो जमीन के ऊपर होती हैं।  - कददू , लौकी, परवल, तोरई, टिनड्डा',  गोभी आदि। - इन सब्जियों में पानी अधिक होता है़ और इन में शरीर से मल निक...

भारतीय और विश्व इतिहास में 15 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं

1794 – फ्रांस में क्रांतिकारी ट्रिब्यूनल को समाप्त कर दिया गया। 1803 – ईस्ट इंडिया कंपनी ने उड़ीसा (अब ओडिशा) पर कब्जा किया। 1916 – प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वेरदून में हुए लड़ाई में फ्रांस ने जर्मनी को हराया। 1917 – मॉल्डोवा गणराज्य ने रूस से स्वतंत्र होने की घोषणा की। 1933 –  प्रसिद्ध हास्य कलाकार एवं निर्देशक बापु का जन्म हुआ था। 1950 – भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन हुआ। 1953 – भारत विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा के आठवें सत्र की प्रथम महिला अध्यक्ष चुनी गई। 1961 – नाजी तानाशाह अडोल्फ हिटलर के यहूदी नरसंहार में कत्लेआम के आयोजक आडोल्फ आइषमन को आज के दिन में मौत की सजी सुनाई गई। 1966 – दुनिया की सबसे बड़ी एनीमेशन कंपनी के संस्थापक वॉल्ट डिजनी का निधन हुआ। 1985 – मॉरिशस के गवर्नर शिवसागर रामगुलाम का निधन हुआ। 1988 – भारतीय महिला पहलवान गीता फोगाट का जन्म हुआ था। 1992 – जाने माने फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को सिनेमा जगत् में उनकी उपलब्धियों के लिए स्पेशल ऑस्कर से नवाजा गया। 1997 – संयुक्त राष्ट्र महासभा...

भारतीय और विश्व इतिहास में 16 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं

 2014 - पाकिस्तान में पेशावर के एक स्कूल में तहरीक ए तालिबान के हमले में 145 लोगों की मौत हुई जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे थे। 2013 - फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में एक बस के पलटने से 18 लोगों की मौत हो गयी तथा 20 अन्य घायल हो गये। 2008- केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण को गठित चड्ढा समिति की संस्तुतियों को केन्द्र सरकार ने मंज़ूर किया। 2007 - बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मुक्ति दिवस का 36वाँ विजय दिवस मनाया। 2006 - नेपाल में अंतरिक्ष संविधान को अंतिम रूप दिया गया। इसके तहत राजा ज्ञानेन्द्र को देश के प्रमुख के पद से हटा दिया गया। 2004 - दूरदर्शन की फ्री टु एयर डीटीएच सेवा 'डीडी डायरेक्‍ट +' का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। 2002 - बांग्लादेश ने 31वाँ विजय दिवस मनाया। 1999 -  पहाड़ी के मुद्दे पर सीरिया-इस्रायल वार्ता विफल। 1994 - पलाऊ संयुक्त राष्ट्र का 185वां सदस्य बना। 1993 - नयी दिल्ली में 'सभी के लिए शिक्षा' सम्मेलन प्रारम्भ। 1991 - कजाखस्तान ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता की घोषणा की। 1985 - तमिलनाडु के कलपक्कम में पहले फास्ट ब्रीडर टेस्ट ...

राजस्थान में नमक उद्योग

◾ नमक उत्पादन की दृष्टि से राज्य का भारत में चौथा स्थान है । ◾ राजस्थान में भारत का लगभग 12 प्रतिशत नमक तैयार होता है । ◾ झीलों से नमक उत्पादन करने मे राजस्थान का देश मे प्रथम स्थान है । ◾ सांभर झील ( जयपुर ) देश का लगभग 8.7 प्रतिशत नमक उत्पन्न करती है । ◾ वायु के प्रवाह द्वारा जो नमक बनाया जाता है, उसे रेशता नमक कहते है । ◾ डीडवाना तथा पंचपद्रा में राज्य सरकार की देखरेख में नमक तैयार किया जाता है, जबकि सांभार में भारत सरकार की देखरेख में नमक तैयार किया जाता है । ◾ सांभर साल्ट लि. सांभर ( जयपुर ) में यह उपक्रम केन्द्र सरकार का है । ◾ राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स लि.  डीडवाना ( नागौर ) में यह राज्य सरकार का उपक्रम है । ◾ राजस्थान स्टेट केमिकल्स वर्क्स लि. मे सोडियम सल्फेट व सोडियम सल्फाइड का निर्माण किया जाता है । ◾ डीडवाना क्षेत्र में नमक निर्माण करने वाली छोटी संस्थाएं "देवल संस्थाएं कहलाती है । ◾ साबू सोडियम लि.  नमक परियोजना गोबिन्दी ग्राम ( नागौर ) में आयोडीन नमक उत्पादन करने की परियोजना है  क्यारियों में बना नमक क्यार कहलाता है । क्यारियों में डाला गया लवणीय पानी ब्र...

भारत के प्रमुख मन्दिरों पर महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

1. निम्नलिखित में से किस मन्दिर का निर्माण चन्देल शासकों ने कराया ? A.खजुराहो ✅✅ B.मिनाक्षी C.सूर्य D.तिरुपति 2. कोणार्क मन्दिर का निर्माण किस वंश के शासकों द्वारा कराया गया था ? A.चालुक्य B.होयसल C.पूर्वी गंग ✅✅ D.शुंग 3. अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर किसने बनाया ? A.अर्जुन देव ✅✅ B.रामदास C.हरगोविन्द D.तेग बहादुर 4.किस मंदिर को द्रविड़-चोल कला शैली का उत्कृष्टतम उदाहरण माना जाता है ? A.कोरंगनाथ मंदिर B.चोलेश्वर मन्दिर C.वृहदेश्वर मन्दिर ✅✅ D.उपर्युक्त सभी 5. कोणार्क के सूर्य मन्दिर का निर्माता कौन है ? A.राजेन्द्र चोल B.राजराज प्रथम C.कृष्णदेव राय D.नरसिंह देव द्वितीय  ✅✅ 6. भगवान नटराज का प्रसिद्ध मंदिर जिसमे भरत नाट्य शिल्पकला है, ____ में स्थित है ? A.तिरुवन्नमलई B.मदुरै C.चिदंबरम ✅✅ D.मैसूर 7. लिंगराज मंदिर की नीव डाली थी ? A.जजाति केसरी ने ✅✅ B.लालातेंदु केसरी ने C.नरसिंह द्वितय ने D.प्रताप रुद्रदेव ने 8. मोढेरा का सूर्य मंदिर किस राज्य में स्थित है? A. बिहार B.गुजरात ✅✅ C. ओड़िशा D. बंगाल 9.  (ब्लैक पगोंडा) के नाम से कौन - सा मंदिर प्रसिद्ध है? A. कोणार्क का सूर्य मंदिर ✅✅ B. मारतंड...

मानव शरीर से जुडें महत्वपूर्ण प्रश्न

लाल रक्त कण [Red Blood Cells] का निर्माण होता है ?? अस्थिमज्जा में  लाल रक्त कण का जीवन काल ? 120 दिन  श्वेत रक्त कण [White Blood Cell] का जीवन काल ? 1 से 4 दिन  श्वेत रक्त कण [White Blood Cell] को कहा जाता है ? ल्यूकोसाइट Leukocytes  लाल रक्त कण [Red Blood Cells] को कहा जाता है ? एरिथ्रोसाइट Erythrocytes  शरीर का ताप नियंत्रक होता है ? हाइपोथैलमस ग्रंथि Hypothalamus Gland  मनुष्य [Human] की सर्वदाता रक्त समूह (Universal Donor) ? O  मनुष्य की सर्वग्राही रक्त समूह (Universal Receptor) ? AB  रक्तचाप [Blood Pressure] मापने की यंत्र को कहा जाता है ? स्फिग्मोमैनोमीटर Sphygmomanometer  ‘ब्लड बैंक [Blood Bank] ‘ कहलाता है ? प्लीहा (Spleen)  भोजन का पाचन प्रारंभ होता है ? मुख से  पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है ? छोटी आँत Small Intestine में 

भानुमति की कथा

दुर्योधन की पत्नी का नाम भानुमति था। भानुमति के कारण ही यह मुहावरा बना है- कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा। भानुमति काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। राजा ने उसके विवाह के लिए स्वयंवर रखा था। स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र और दुर्योधन और कर्ण समेत कई राजा आमंत्रित थे। मान्यता है कि जब भानुमति हाथ में माला लेकर अपनी दासियों और अंगरक्षकों के साथ दरबार में आई और एक-एक करके सभी राजाओं के पास से गुजरी, तो दुर्योधन चाहता था कि भानुमति माला उसे पहना दे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भानुमति दुर्योधन के सामने से आगे बढ़ गई तब दुर्योधन ने उसके साथ से माला झपटकर खुद ही अपने गले में डाल ली। सभी राजाओं ने तलवारें निकाल लीं। दुर्योधन ने सब योद्धाओं से कर्ण से युद्ध की चुनौती दी जिसमें कर्ण ने सभी को परास्त कर दिया। भानुमति को हस्तिनापुर ले आने के बाद दुर्योधन ने उसे ये कहकर सही ठहराया कि भीष्म पितामह भी अपने सौतेले भाइयों के लिए अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का हरण करके ले आए थे। इसी तर्क से भानुमति भी मान गई और दोनों ने विवाह कर लिया। दोनों के दो संतान हुई- एक पुत्र लक्ष्मण थ...

आम रसायनों के व्यावसायिक एवं रासायनिक नाम

चाक  कैल्सियम कार्बोनेट CaCO₃ अंगूर का सत  ग्लूकोज  C6H₁₂O6 एल्कोहल एथिल C₂H5OH कास्टिक पोटाश पोटेशियम हाईड्राक्साईड KOH खाने का सोडा सोडियम बाईकार्बोनेट NaHCO₃ चूना  कैल्सियम आक्साईड  CaO जिप्सम  कैल्सियम सल्फेट CaSO₄.2H₂O टी.एन.टी. ट्राई नाईट्रो टालीन  C6H₂CH₃(NO₂)₃ धोने का सोडा सोडियम कार्बोनेट Na₂CO₃ नीला थोथा कॉपर सल्फेट CuSO₄ नौसादर अमोनियम क्लोराईड NH₄Cl फिटकरी पोटेशियम एलुमिनियम सल्फेट  K₂SO₄Al₂(SO₄)₃.24H₂O बुझा चूना कैल्सियम हाईड्राक्साईड Ca(OH)₂ मंड स्टार्च C6H10O5 लाफिंग गैस  नाइट्रस आक्साईड  N₂O लाल दवा पोटेशियम परमैगनेट  KMnO₄ लाल सिंदूर लैड परआक्साईड  Pb₃O₄ शुष्क बर्फ ठोस कार्बन-डाई-आक्साईड CO₂ शोरा  पोटेशियम नाइट्रेट  KNO₃ सिरका एसिटिक एसिड का तनु घोल CH₃COOH सुहागा बोरेक्स Na₂B₄O7.10H₂O स्प्रिट मेथिल एल्कोहल CH₃OH स्लेट सिलिका एलुमिनियम आक्साईड Al₂O₃2SiO₂.2H₂O हरा कसीस  फैरिक सल्फेट Fe₂(SO₄)₃

सामान्य: वाक्यम्

एतौ कौ ? एतौ शुनकौ स्तः किम् एतौ गर्जत: ? न एतौ उच्चै: बुक्कत: । तौ को ? तौ बलिवर्दौ स्तः । किम् तौ धावत: ? न, तौ क्षेत्रं कर्षत:।  एते के ? एते स्युता: सन्ति। किम् एते हारितवर्णा: ?   नहि, एते नीलवर्णा: सन्ति ।             शब्दर्था:   शुनकौ: - दो कुत्ते  गर्जत:  - गरजते है  उच्चै:   - जोर से बुक्कत:   - भौकते है बलिवर्दौ:  - दौ बैल धावत:   - दौड़ते है  कर्षत:  - जोतते है , जोत रहे है  स्युता:   -  थैले

संस्कृत व्याकरण

मैं  -  अहं हम - वयं तुम (एकवचन)   -  त्वं तुम ( बहुवचन)   - युयं वह ( पुल्लिंग)     - सः वह ( स्त्रीलिंग)    - सा यह           - तत् वे (पुल्लिंग)  - ते वे (स्त्रीलिंग)   - ताः वे (नपुंसक)    - तानि             सारणी    Person        No.        Verb       First          Singular      गच्छामि First           Plural         गच्छामः Second      Singular।   गच्छसि Second       Plural        गच्छत: Third         Singular      गच्छति Third         Plural           गच्छन्ति

उपनिषदों के प्रकार

भारत के गौरव काल की पहचान है वेद और पुराण।  उपनिषदों को वेदों का सार कहा जाता हैं ।  १  ऋग्वेदीय उपनिषद् कितने है? -  10  २  कृष्ण यजुर्वेदीय उपनिषद कितने है? -  32  ३  शुक्ल यजुर्वेदीय उपनिषद कितने है? - 19  ४  सामवेदीय उपनिषद कितने है? -  16  ५  अथर्वेदीय उपनिषद कितने है? - 31  ६  उपनिषदो का फ़ारसी अनुवाद किसने किया? -  दाराशिकोह  ७  उपनिषदों का जर्मन भाषा मे अनुवाद किसने किया? -  शोपेनहावर और मैक्समूलर  ८  उपनिषद शब्द का अर्थ क्या है? -  समीप बैठना  ९  उपनिषद शब्द किस  धातु से बना? -  षदलृ(सद्)  १० सद् धातु कितने अर्थों मे होती है? -  तीन अर्थों में 1. विशरण=नाश होना, 2. गति= पाना या जानना, 3. अवसादन = शिथिल होना।  ११ गद्यात्मक उपनिषद कितने है और कौन कौन से है? -  कुल ६ है।  केन, प्रश्न, तैत्तिरीय, ऐतरेय,छान्दोग्य, बृहदारण्यक।  १२ पद्यात्मक उपनिषद कौन कौन से है? -  ईश, कठ, श्वेताश्वर, मुण्डक।  १३  न कर्म लिप...

संस्कृत व्याकरण

 १. मैं जाता हूं    - अहं गच्छामि २ हम जाते है    - वयं गच्छामः ३. तुम( एकवचन)  - त्वं गच्छसि ४. तुम ( बहुवचन)    -यूयं गच्छथ ५. वह जाता है        - सः गच्छति ६. वह जाती है       - सा गच्छति ७. यह जाता है       - एत् गच्छति ८. वे (पूलिंग) जाते है   -ते गच्छन्ति ९. वे ( स्त्रीलिंग)       -ताः गच्छन्ति १०. वे ( नपुंसक) जाते है।  -तानि गच्छन्ति               सर्वनाम सारणी          एकवचन      द्विवचन        बहुवचन अहम्           आवाम्          वयम् त्वम्             युवाम्           युयम् स(पुः)           तौ(पुः)          ते(पुः)  सा(स्त्रीः)        त(स्त्रीः)  ...